Kya Bigad Raha Tumhara Hai
एक दरखास्त है कि आप इश्क़ में कभी बदनाम मत होना और
हो जाओ बदनाम तो फिर इश्क़ में नाकाम मत होना
एक अप्सरा सी लड़की ने एक अप्सरा सी लड़की को
अपने दिल की जमी पर उतारा है
तो सवाल ये है ऐ आवाम क्या बिगड़ रहा तुम्हारा है
अगर एक आदमी के दिल को एक आदमी का दिल ही लग गया बहुत प्यारा है
तो जरा जवाब दें ऐ आवाम क्या बिगड़ रहा तुम्हारा है
किसी बड़े दिलवाले की पाक आंखों ने
दो बनावटों को बराबर निहारा है
तो जरा जवाब दें ऐ आवाम क्या बिगड़ रहा तुम्हारा हैं
अब जा के मोहब्बत नसीब हुई है खुदा से उसको
जिसने हमारी खैरियत की दुआओं का
जिम्मा उठा रखा सारा है
तो जरा जवाब दे ऐ आवाम क्या बिगड़ रहा तुम्हारा है
कि दुनिया वालों मोहब्बत दिलों में एक नाजुक परिंदा है
बंदिश में रखने वाला इसका हत्यारा है
बस एक दफा दिल की नजर से देखो
इस दिल्लगी को मालूम होगा कि ये बेहद खूबसूरत नजारा है
जहां में जिंदा रहने का मानो मोहब्बत इकलौता सहारा है
हर आशिक ने अपने महबूब को सरेआम इसी सिंगार से तो संवारा हैं
मगर एक कौम ने मोहब्बत के गुनाह में छुप छुप के वक्त गुजारा है
तो आओ आज इसे नवाजे उन्हें भी इज्जत से, कदर से
यही इंसानी फर्ज हमारा है
उन्हें भी मोहब्बत करने का हक मिले
जैसा एक हक हमारा है
इसलिए ये दिल इस दुनिया से वही सवाल पूछे दोबारा है
तो जरा जवाब दे ऐ आवाम क्या बिगड़ रहा तुम्हारा है।
– रजत सूड
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